मै शान्ति देवी उम्र 50 वर्ष पति प्रकाश रविदास
ग्राम बेहराडीह पोस्ट पथलडीहा थाना जयनगर जिला कोडरमा झारखण्ड का रहने वाली
हु!मेरे परिवार में दो बेटा दो बहु है और पूरा परिवार साथ रहता है!
मेरा पूरा परिवार खुशहाल था मेरी बहु बहुत ही
सुन्दर और सुशील थी! मेरे घर परिवार में तब खुशी और बढ़ गई थी जब मेरी बहु गर्भवती
हुई थी! उस समय मेरा बेटा परदेश में काम करता था ! जब भी पैसे का जरुरत होता हम
अपने बेटा को बहुत डाटते थे की बहु के देख रेख में कोई कमी नहीं होनी चाहिए! मेरे
दिल में बहुत अरमान था! और हम अपने समधी और समधिन को भी बहु का हाल चाल सुनते रहते
थे वो लोग भी काफ़ी खुश थे! धीरे धीरे बहु का दिन नजदीक आते गया और हम लगातार उसे
अच्छे से अच्चा डाक्टर के पास इलाज के लिए तिलैया ले जाने लगे अपनी बहु का इलाज
सीमा विश्वास से थे! डाक्टर हमेशा उसके स्वस्थ होने का रिपोर्ट देते थे! गाँव घर
के लोग भी काफ़ी खुश थे! घर में नन्हा मेहमान आने की खुशी में!
एक दिन अचानक मेरी बहु को दिन में पेट में दर्द
हुआ हम अपने बेटे पर गुस्सा हुवे और बोले जल्दी डाक्टर के पास ले चलो तुरंत ममता
वाहन आया और हलोग अपनी बहु को ले कर कोडरमा सदर अस्पताल ले आये यहाँ आने पर डाक्टर
नहीं था! मेरा मान बहुत ब्याकुल होने लगा की डाक्टर नहीं है अब क्या होगा तरह तरह
के विचार मान में आने लगे थे! नर्स आई और बोली की अभी नहीं होगा आपलोग मत परेशान
होइए होगा तो हम है आपलोग चिंता मत कीजिये! पर उस दिन कुछ नहीं हुआ तो हमलोग 10
बजे तक घर आ गये रास्ता में भी अनेक तरह के विचार आ रहा था की कही रात में दर्द
शुरु होगा तो हमलोग कैसे सम्हालेंगे इस्ल लिए हम अपने समधी और संधान को भी बुला
लिए थे की वो लोग रहेंगे तो हमको थोडा हिम्मत मिलेगा! फिर दुसरे दिन रात को 12 बजे
के लगभग दर्द शुरु हुआ तो हमको चिंता हो गया की अब कैसे होगा फिर गाँव के लोग ममता
वहां को बुलाये और हमलोग पूरा परिवार के साथ दूसरी गाड़ी से अस्पताल पहुचे वहा उस
समय भी कोई डोक्टर नहीं था! यह देख कर फिर मेरी चिंता बढ़ गई! नर्स ही थी! नर्स देख
कर बोली की आप चिंता मत कीजिये सब ठीक होगा! मेरा बेटा बोला की आपलोग अगर नहीं
प्रसव करा सकते तो बूल दीजिये हम प्राइवेट में करा लेंगे मेरा बेटा का यह बात सुन
कर नर्स गुस्सा हो गई बोली हमलोग इतना प्रसव करा लिए आपके बहु का नहीं करा पाएंगे!
आपलोग चिंता मत कीजिये हमलोग करा लेंगे ! डाक्टर के बारे में पूछे तो बोली की अभी
नहीं आयेंगे सुबह में आयेंगे! इस तरह दिन के 2 बजे मेरी बहु को लड़का हुआ! लड़का
रोया नहीं तो हमको बेचैनी सा होने लगा हम नर्स से पूछे की क्यों नहीं रोया तो बोली
की आप चिंता मत कीजिये! कुछ देर बाद पता चला की मेरी बहु का ब्लीडिंग नहीं रुक रहा
है हमको चिंता हो गया! कुछ देर बाद नर्स बोली की आपके बहु को ब्लड चढाने की जरुरत
है आप ब्लड ले कर आइये यह सुन कर मेरे दिल का धड़कन और तेज हो गया की अब क्या होगा!
मेरे मान में दर सा बन गया और हम सोचने लगे की अब क्या करे! मेरा बेटा को खून
मांगी तो मेरा बेटा बोला जितना खून चाहिए आप खरीद लीजिये हम पैसा देंगे इस बात पर
नर्स बोली की हम पैसा नहीं लेते यहाँ आपको खून देना होगा तब आपको खून मिलेगा! इस
बात पर मेरा बेटा खून देने गया तो इधर मेरी बहु मर गई! यह सब मेरे आंख के सामने हो
रहा था और हम कुछ नहीं कर पाए! हम रोने पटकाने लगे तो इधर मेरे समधी और संधान भी
रोने पटकने लगे पूरा भीड़ लग गया लोग पूछने लगे तो हम बोले मेरा बहु को इं लोगो ने
मार दिया तो कुछ लोग बोले जा कर केस करो! यह सुनने के बाद नर्स बोली की आप लॉस को
ले जाइये नहीं तो हम पोस्टमार्डम कर देंगे यह सुन कर हमको इतना गुस्सा आया लगा की
उसके माथा का सब बाल नोच ले पर पर हम कुछ नहीं कर सके! मेरा पोता माँ के लास के
बगल में रो रहा था यह देख कर मेरा आत्मा फट गया मेरे आँख के आंसू रुक नहीं रहे थे!
पर अब कर भी क्या सकते थे! हम अपनी बहु के लॉस को गाँव ले आये पूरा गाँव में मातम
छा गया! सारा खुशी गम में बदल दिया था सरकारी अस्पताल के डाक्टारो ने! मेरे पर
रोने के सिवा कुछ भी नहीं बचा है मेरे पास
अब हम चाहते है की मेरे पोते को इंसाफ मिले और
दोषी डाक्टर पर कार्यवाही की जाय!
साक्षात्कारकर्ता
पीड़ित का हस्ताक्षर
वंदना चन्द्रवंशी शांति देवी
No comments:
Post a Comment