मै सकुन्तला देवी ऊम्र 45 वर्ष पति लखनलाल मेहता
ग्राम जेरुवाडीह पोस्ट बेहराडीह थाना डोमचांच जिला कोडरमा झारखण्ड की मूल निवासी
हु! मै किसानी कर के अपना जीविका चलती हु
मेरा परिवार ठीक ठाक चल रहा था हम अपने घर में
रहते थे अपना खेती करते थे की एक दिन अचानक साम को 7 बजे के करीब एक बड़ा गाड़ी 407
से 4 से 5 पुलिस हमारे गाँव में आया और सबके घर में जा जा कर देखने लगा की कोइन
कुआ करता है! इसी समय मेरे घर के पीछे एक कुआँ है जहा पर एक ड्रम रखा हुआ था वो
ड्रम उठा कर गाड़ी पर लाद (रख) लिया! तो एक बच्चा देखा और आ कर हमको बोला की तोर
ड्रम उठा कर पुलिस ले जा रही है जिसमे हम पटवन और अन्य काम के लिए पानी रखते थे!
हम दौड़ कर गये और पुलिस से ड्रम मांगने लगे जिस पर पुलिस रामानंद प्रसाद ने हमको
मारने की धमकी देने लगा बोला भागती हो की नहीं यही सब काम करती हो (दारु चुवाते
हो) शराब बनाती हो! देखती हो लाठी अभी पीटने लगेंगे चलो गाड़ी पर बैठो! यह सब सुन
कर हमको बहुत गुस्सा आया ! हम कुछ गलती किये नहीं थे तो डरते क्या ? हम गाड़ी के
सामने जा कर खड़ा हो गये और बोले के मेरा ड्रम दीजिये तब जाने देंगे हमको भी अन्दर
से दर लग रहा था पर हम कोई गलती नहीं किये थे तो क्यों डरते! फिर पुलिस वाला
रामानंद प्रसाद गाड़ी से उतरा और बोला की इस महिला का आवाज रिकॉर्ड करो बहुत बोलती
है नहीं चुवाती हो दारू हमसे बहस करती हो! उसके इस बात से मेरा हाथ पैर थर थराने
लगा घर में मालिक भी नहीं थे! अंत में गाँव की कुछ महिला बोली की इसके घर में दारू
नहीं बनता है तो हम डरते डरते बोले की चलिए घर देख लीजिये! इस बात पर पुलिस वाला ड्रम
उतर कर दे दिया और बोला की दारू मत चुवाना हम अन्दर ही अन्दर गुस्सा हो रहे थे पर
बोलते भी क्या दिल में हुक समां गया था और शारीर का थर थराहट रुकने का नाम नहीं ले रहा था! मेरे पति घर ए तो हम उनको पूरा मामला बताये तो
वो भी गुस्सा हो रहे थे और बोले की ऐसा कैसे कर सकता है पुलिस वाला उस रात हम घर
में खाना भी नहीं बनाये दिन का (भात) चावल बना हुआ था वही खा के सब लोग सो गये! मेरे
घर में इस तरह कभी नहीं हुआ था हमलोग कोई भी गलत काम नहीं करते है जिस कारण कभी
हमने पुलिस नहीं देखा था! पहली बार हमारे साथ इस तरह का घटना घटा था! 15 दिन तक हम
परेशान रहे नींद नहीं आता था! बार बार मेरे आंख के सामने यही घटना आ जाता था! उसके
बाद से हमें कुछ ठीक लगने लगा!
हम चाहते है की उक्त मामले में दोषी पुलिस वाले
पर क़ानूनी कार्यवाही हो की वो रात को किसी का घर जा कर अकेली औरत के साथ इस तरह का
व्यवहार नहीं करे!
पीड़ित का हस्ताक्षर/अंगूठा
शकुन्तला देवी
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