मै हेमलाल मेहता
उम्र 73 वर्ष पिता स्व: चुरामन मेहता ग्राम - मसनोडीह
,पोष्ट मसनोडीह,थाना- डोमचाँच ,जिला -कोडरमा झारखंड का मूल निवासी हूँ।
मेरी घटना यह है
कि मै पेशा से खेतीहर किसान मजदूर हूँ मै पिछले 20सालो से अपने
निजी जमीन पर खेती बाडी कर के अपना जीवन व्यतीत करता हूँ।मेरी परिवार मे मेरी
पत्नी और एक बेटा है हम पुरे परिवार का गुजारा खेती कर के करते है। एक बार मेरी
खेती बाडी मे मेरे पडोस के रहने वाले दबंग बीरेन्द्र मेहता का नजर पड गया
बीरेन्द्र मेहता इस पुरे इलाके का दबंग आदमी हैं। वो मेहता जाती का अध्यक्ष है ।और
राष्ट्रीय जनता दल का उपाध्यक्ष है ।उस पर कई राजनैतिक दल का हाथ है मेरे उपर
मुसीबत तब आ पडा जब हम अपने जमीन पर खेती बाडी करने शुरू किये तो बीरेन्द्र मेहता
जबरन हमारे जमीन पर कब्जा जमाने की कोशिश किया जिसका हम विरोध किये तो बीरेन्द्र
मेहता अपने गाँव समाज के गणमान्य लोग कृष्ण मेहता और
मुरली मेहता हमें समझाने आये और हमें बताये कि आप क्यों बीरेन्द्र मेहता को परेशान
करते हैं। उनकी जमीन पर आप क्यों कब्जा जमाए है। हम शांति पूर्वक की
बोले की बाबू हम पढे लिखे नहीं है। आप ही मेरा कागज देखा लिजीये जब वो लोग मेरा
कागज देखा तो बोला कि ये जमीन आपका ही है।फिर वो लोग चले गए फिर बीरेन्द्र मेहता
उनको एक नक्शा दिखाया तो नक्शा देखने के बाद वो लोग हमको बोले की ये नक्शा के आधार
पर घर और जमीन छोडना होगा हमको यह बात मेरे दिल मे गोली की तरह लगा और हम गुस्सा
से बोले कि हम भी उनके घर का नक्शा बनवा लेंगे तो जमीन मेरा हो जायेगा क्या ऐसा हो
सकता है। हम उनलोगो से बोले की आपलोग यहाँ से चले जाईये! और मेरा दिल पुरी तरह से
टुट गया और मेरे आँखों मे आँसू आ गया हम सोचने लगे कि क्या करें क्या ना करें। फिर
हम अपने जमीन पर जोत आबाद करने गये तो बीरेन्द्र मेहता-शिबू मेहता और प्रकाश मेहता,
बंसत मेहता पिता शिवन्नदन मेहता, लखन लाल मेहता, सुभाष मेहता ये सभी लोग खेत पर आ
कर हमको और मेरी हीरा देवी को लाठी डण्टा से मारपीट किये. लाठी से हमको खेत मे पटक
कर मारा मेरा माथा मे मारा और मेरा हाइडोसील मे मारा जिससे हम एक माह तक बीमार रहे
और दर्द से परेशान रहै।अंत मे हमें हाइडोसील निकलवाना पडा उस समय हमको लग रहा था
कि कानून पैसे वाले के हाथ मे रहता है जिस दिन वो लोग
हमको मारा था ।यह बात का धमकी भी दिया था कि तुमको उठा देंगे थाना पुलिस सब मेरे हाथ मे है। कौन मेरा बिगाडेगा हम देख
लेंगे इस डर से हम घर आ गए उस समय हम गांव और मेहता समिति से गुहार लगाए पर कोई
नहीं सुना मेरे समाज का नियम है ।कि अगर आपको साथ कोई घटना होता है ।आप थाना जाने
से पहले समिति मे जाइये और अगर वहाँ फैसला नही हुआ तो आप आगे बढ सकते है।पर समिति
मे वही आदमी अध्यक्ष है। जो मेरे साथ मारपीट किया तो हम किसके पास जाते अंत मे हम
हार कर बैठ गए ।फिर आलू का सीजन मे हम 2015 अक्टूबर माह मे अपनी बारी मे आलू लगाए और उसे सींच
कर बडा किये तब तक वो कुछ नहीं बोला और जब आलू हो गया तो हमको बिना बताए आलू कोडने
लगा हमको गांव का ही आदमी आकर बोला की तुम्हारा आलू बीरेन्द्र मेहता कोड (बारी से
निकाल) रहा हैः तब हम वहां गए और बोले की आपलोग आलू क्यों कोड रहे है तो वो लो
हमको फिर मारने के लिए शनका (गुस्सा किया) और मेरे आँखों के सामने 50 क्वीटल आलू कोड कर ले गया और हम टुकुर- टुकुर देखते रह गये! हम सोच लिए कि अब जान से बाहार हो
गया था ।उसका आंतक इस मामले को लेकर हम थाना मे शिकायत करने गए तो थाना प्रभारी जब
जाँच मे आया तो बोला कि आप क्षेत्र के जाने माने नेता बीरेन्द्र मेहता पर केस कर
दिये।आपको उनके उपर केस नहीं करना चाहिए था हम बोले की सर आपको जो समझ मे आता है
।किजिए हमे न्याय चाहिए और थाना प्रभारी चला गया अब मेरा सुनने वाला कोई नहीं रह
गया था हम न्याय के लिए दर- दर का ठोकर खा रहे ।
हमे न्याय चाहिए
जिस जमीन के लिए हमे जान से मारने की धमकी दे रहा है ।अगर वह जमीन उसका है तो वह
ले ले और अगर मेरा है तो हमे शांति से जीने दे!
पीड़ित का हस्ताक्षर/अंगूठा
हेमलाल मेहता
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