सेवा में
श्रीमान अध्यक्ष महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली
विषय:- झारखण्ड की राजधानी रांची स्थित चुटिया थाना के पुलिस द्वारा मानवता को शर्मशार कर घायल को इलाज कराने के बजाये उठा कर रख देने के सम्बन्ध में
महोदय
हम आपका ध्यान झारखण्ड के राजधानी रांची के चुटिया थाने की ओर आक्रिष्ठ कराना चाहूँगा। जिस थाना अंतर्गत शंकर नायक का स्कूटर रोड के डिभाईडर से टकरा गया और वो गम्भीर रूप से घायल हो गए, मौके पर पहुची पुलिस उसे अस्पताल पहुचाने के बजाये जीआरपी थाने के बगल में रख दिया, कुछ लोग जब उसे अस्पताल ले जाने की कोशिश किये तो पुलिस उन्हें थाना का मामला बता कर भगा दिए,और वह घायल व्यक्ति रात भर वही पड़ा रहा,सुबह जब उसे पुलिस ने अस्पताल पहुचाया तो ऑटो के फर्श पर पाँव के निचे रख कर रिम्स ले गए, यह मामला दिनांक 4 मार्च 2017 को देनिक अख़बार भास्कर में प्रकाशित की गई जिसका लिंक https://m.bhaskar.com/news/c-m-181-pcr-21-crime-story-NOR.html?ref=appshare संलग्न है।
अतः महोदय से नम्र निवेदन है की उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए, न्यायिक जाँच कर दोषी पुलिसकर्मी पर तत्काल कार्यवाही करते हुए पीड़ित परिवार को मुआवजा भुगतान कराया जाए। और कार्यवाही की एक प्रति हमें भी उपलब्ध कराया जाए।
भवदीय
ओंकार विश्वकर्मा
मानवाधिकार कार्यकर्त्ता
राज्य संयोजक
मानवाधिकार जन निगरानी समिति
डोमचांच कोडरमा झारखण्ड 825418
संपर्क 9934520602
घटना विवरण
राची(झारखंड)।यहां चुटिया इलाके में गुरुवार को हुए एक रोड एक्सीडेंट का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इस फुटेज में रांची पुलिस का संवेदनहीन और डरावना चेहरा सामने आया है। एक्सीडेंट के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल को हॉस्पिटल नहीं पहुंचाया,बल्कि उसे जीआरपी थाने की दीवार से सटाकर रख दिया और चलते बने।लोगों को भी भगाया...
-चुटिया इलाके में रहनेवाले शंकर नायक का स्कूटर देर रात रांची रेलवे स्टेशन के सामने डिवाइडर से टकरा गया, जिसकी वजह से वे गंभीर रूप से घायल हो गए।
-मौके पर पहुंची पुलिस की 21 नंबर वाली पीसीआर वैन के कर्मियों ने मानवता को ताक पर रखते हुए बेहोश हो चुके शंकर को हॉस्पिटल पहुंचाने के बजाय सड़क के किनारे रख दिया।
-यह पूरी घटना स्टेशन के पास बिरसा फूड प्लाजा के सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गयी।
मदद के लिए दौड़कर पहुंचे लोग तो पुलिस ने भगाया
एक्सीडेंट के बाद आसपास के लाेग,ऑटो चालक और दुकानदार दौड़ते हुए पहुंचे। घायल को उठाया,लेकिन पुलिस ने वहां से सबको भगा दिया। कहा,यहां भीड़ मत लगाओ।
शंकर नायक रातभर घायल अवस्था में पड़े रहे। मुंह और नाक से खून गिरता रहा। गुरुवार सुबह सात बजे जीआरपी के एएसआई धीरेंद्र कुमार ड्यूटी पर पहुंचे तो उन्हें इसकी जानकारी मिली। उन्होंने रेलवे के डॉक्टर संजीव कुमार को बुलाया।
ऑटो में पैरों तले डाल दिया घायल को
प्राथमिक उपचार किया,लेकिन अस्पताल भेजने में अमानवीयता की हद पार कर दी। उन्हें उठाकर ऑटो में पैरों तले डाल दिया और रिम्स भेजा। शंकर की हालत अभी गंभीर है।
पुलिस ने शुक्रवार को उनका बयान लेना चाहा,लेकिन वह बयान देने के हालत में नहीं थे।
चुटिया के लाेगों ने इस घटना के विरोध में थाने का भी घेराव किया। 24 घंटे के अंदर चुटिया इंस्पेक्टर बीके भारती ने दोषियों पर कार्रवाई का अाश्वासन दिया।सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद रांची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने पीसीआर-21 के इंचार्ज ASI बलराम रविदास को सस्पेंड कर दिया है। वो लंबी छुट्टी पर भी चले गए हैं।
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