सेवा में
श्रीमान अध्यक्ष महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली
विषय:- झारखण्ड जे कोडरमा जिले के डोमचांच प्रखंड में विभागीय उदासीनता के कारण गांव से कुपोषण केंद्र तक कुपोषित बच्चे नहीं पहुचने के सम्बन्ध में
महोदय
हम आपका ध्यान झारखण्ड के कोडरमा जिले के डोमचांच प्रखंड की कुपोषण उपचार केंद्र व् बाल विकास परियोजना कार्यालय की और आकृष्ट कराना चाहूँगा जहा एक और कुपोषण सेंटर की ए0 एन0 एम्0 के अनुशार आंगनबाडी केंद्र की सेविका के कार्य की उदासीनता के कारण जंगली गाँव के कुपोषित बच्चे केंद्र पर नहीं पहुच पा रहे है। यह मामला दिनांक 18 मार्च 2017 को देनिक भास्कर अख़बार में प्रकाशित की गई जिसका लिंक http://www.bhaskar.com/news-appshare/JHA-MAT-latest-domchanch-news-023002-2207740-NOR.html संलग्न है। बताते चले की राज्य में कुपोषण ख़त्म करने के लिए राज्य सरकार ने पुरे राज्य में पोषणसखी की बहाली की है बावजूद राज्य के कुपोषण केंद्र खाली पड़े रहते है। वही दूसरी और सहिया व् सेविकाओ द्वारा बच्चो को पोषण के लिए निजी अस्पताल ले जाने की सलाह देते है जिस कारण जिले के निजी अस्पतालों ने रोज के 100 से ऊपर बच्चो का इलाज किया जाता है।और गरीबो से मोटी रकम लिया जाता है।
अतः महोदय से नम्र निवेदन है की उक्त मामले को गम्भीरता से लेते हुए न्यायिक जाँच कर कार्यवाही करने की कृपा करे और कार्यवाही की एक प्रति हमें भी उपलब्ध कराये।
हमारी मांग
1 जिले के बाल विकास परियोंजना विभाग को इस विषय पर गम्भीर किया जाए।
2 पोषण सखी को आंगनबाड़ी केंद्र में न रख कर गाँव भ्रमण कर कुपोषित बच्चो को चिन्हित करवाते हुए उन्हें पोषण केंद्र भेजा जाए।
3 जिले के निजी बाल क्लिनिक में प्रति दिन के मरीजो की संक्या के अलावे बैठने वाले डाक्टर का नाम और समय आयोग द्वारा मांग कर जांच की जाए।
4 जंगली क्षेत्रो में स्वस्थ विभाग द्वारा केम्प लगा कर कुपोषित बच्चो को चिन्हित करने और कुपोषण सेंटर लाने का कार्य किया जाए।
भवदीय
ओंकार विश्वकर्मा
मानवाधिकार कार्यकर्त्ता
राज्य समन्वयक
मानवाधिकार जन निगरानी समिति
डोमचांच कोडरमा 825418
संपर्क 9934520602
खबर एक नजर
प्रखंडमें संचालित रेफरल हॉस्पिटल के कुपोषण सेंटर में सेविका सहायिका की उदासीनता के कारण कुपोषित बच्चे सेंटर नहीं पहुंच पा रहे है। जबकि ढ़ाब, ढोढाकोला, बंगाखलार, सपही आदि सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों कुपोषित बच्चे हैं। इस संबंध में कुपोषण सेंटर की एएनएम सुशीला कुमारी प्रेमलता ने बताया कि आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं जलसहिया की उदासीनता के कारण कुपोषण सेंटर में बच्चे भर्ती नहीं हो पा रहे है। साथ ही उन्होंने बताया कि सेंटर में बच्चों के संतुलित आहार के अतिरिक्त साथ में रहने वाली माता अभिभावक को प्रतिदिन दो सौ रुपए अतिरिक्त दिए जाते है। इसके बावजूद साथ में आई माताएं सेंटर में रहना नहीं चाहती है। सेंटर के आंकड़े बताते है की जनवरी माह में 10 फरवरी में 8 बच्चे ही भर्ती कराए गए। वहीं शुक्रवार को सेंटर में 4 बच्चे ही मौजूद पाए गए। इसे लेकर पूछे जाने पर एएनएम ने 4 और बच्चों को माताओं के साथ नाश्ता करने बाहर जाने की बात कही गई।
क्या कहते हैं अधिकारी : सीडीपीओ सुनीता अग्रवाल ने एएनएम के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि जहां तक संभव होता है बच्चों को भर्ती कराया जाता है। उन्होंने प्रखंड में कुपोषित बच्चों की संख्या बताने में असमर्थता जताई। साथ ही उन्होंने कहा कि पोषण सखियों की बहाली हो जाने से इस क्षेत्र में बेहतर काम किया जा सकता है।
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