सेवा में
श्रीमान अध्यक्ष महोदय
राष्टीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली
विषय:- झारखण्ड के राजगढ़ के पहाड़ी इलाके में ग्रामीणों व् बच्चो द्वारा चूहे और खरगोश खा कर भूख मिटाने के सम्बन्ध में
महोदय
हम आपका ध्यान झारखण्ड के राजगढ़ पहाड़ी इलाके की ओर आकृष्ट कराना चाहेंगे जहा के बच्चे व् आम ग्रामीण चूहे और खरगोश खा कर अपना भूख मिटाने को विवश है। साथ ही यहां के स्कूलों की हालत बहुत खराब है. स्कूलों से टीचर नदारद हैं. कई बार तो साल में एक-दो बार ही स्कूल आते हैं. यहां के बच्चे संक्रमित खान-पान के चलते बीमार भी पड़ रहे हैं. टीचर नहीं हैं तो साफ है कि मिड डे मील न बन रहा और न ही बच्चों को मिल पा रहा है.
ऐसा भी नहीं है कि इन बच्चों को खरगोश, चूहे और पक्षी बिना कुछ किए खाने को मिल जाएं. इन बच्चों को बकायदा शिकार करना पड़ता है और उसके बाद इन्हें इस तरह का भोजन नसीब होता है. सरकार जहां देशभर में मिड डे मिल चलाने की बात करती है, वहीं झारखंड के इस इलाके की हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. सरकार अक्सर बयान देती दिखती है कि हमने तो पैसा भेज दिया है, लेकिन बच्चों को मिड डे मील मिल रहा है यह मामला एन डी टीवी द्वारा दिंनाक 17 मार्च 2017 दिन शुक्रवार को उसके अपने वेबसाईट पर वंदना वर्मा की रिपोर्ट अपडेट की गई जिसका लिंक https://khabar.ndtv.com/news/india/no-mid-day-meals-in-jharkhand-villages-children-eat-rats-rabbits-1670462 संलग्न है।
अतः महोदय से नम्र निवेदन है की उक्त मामले की न्यायिक जाँच कर दोषी पदाधिकारी पर न्यायिक कार्यवाही की जाए। साथ ही उन इलाको में भोजन पानी और आजीविका के साथ स्वास्थ्य की व्यवस्था सरकार द्वारा कराइ जाए। इसके अलावे उस गाँव में सरकारी लापरवाही के कारन हुए नुकशान की छतिपूर्ति हेतु पीड़ित परिवारों को मुआवजा भुगतान की जाए। कार्यवाही की एक प्रति हमें भी उपलब्ध कराइ जाए।
भवदीय
ओंकार विश्वकर्मा
मानवाधिकार कार्यकर्त्ता
डोमचांच कोडरमा झारखण्ड
संपर्क 9934520602
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