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Saturday 26 August 2017

झारखण्ड के कोडरमा जिले के सुदूरवर्ती जंगल में बसा हुआ प्रखंड सतगावा में जिला द्वारा नियुक्त चिकित्सा प्रभारी द्वारा अवैध रूप से निजी क्लिनिक का सञ्चालन करने के सम्बन्ध में

सेवा में
श्रीमान अध्यक्ष महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली

विषय:- झारखण्ड के कोडरमा जिले के सुदूरवर्ती जंगल में बसा हुआ प्रखंड सतगावा में जिला द्वारा नियुक्त चिकित्सा प्रभारी द्वारा अवैध रूप से निजी क्लिनिक का सञ्चालन करने के सम्बन्ध में

महोदय
हम आपका ध्यान झारखण्ड के कोडरमा जिले के सुदूरवर्ती जंगली प्रखंड सतगावा की ओर आकृष्ट कराना चाहूँगा जहा पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्त चिकित्सा प्रभारी डाक्टर चंद्रमोहन वह के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में न बैठ कर  उन्होंने अपना निजी क्लिनिक खोल रखा है जहा पर अप्रशिक्षित नर्स अवैध जांच केंद्र और गैर निबंधित अस्पताल का संचालन कर रहे है। यह खबर राष्ट्रीय समाचार पत्रिका राष्ट्र संवाद में 26 अगस्त 2017 को  प्रकाशित की गई जिसका लिंक http://www.rashtrasamvadgroup.com/index.php/2013-10-15-09-51-49/2017-01-31-09-20-07/item/2023-giridihrashtra-samvad संलग्न है। बताते चले की डाक्टर चंद्रमोहन जिले के सबसे लापरवाह डाक्टर में माने जाते है और अपनी मनमानी और लापरवाही की वहज से 2015 में डोमचांच प्रखंड के मसनोडीह में स्वास्थ्य केम्प में एक कुपोषित बिरहोर बच्चे को देख कर उसी हाल में छोड़ दिया था जिस कारन उसकी मौत हो गई थी। जिला प्रशाशन द्वारा उक्त मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई और डाक्टर चंद्रमोहन को सतगाव ट्रांसफर कर दिया गया। अब वह पर वो अपना अवैध कारोबार खोल रखा है जहा 1000000 से अधिक जंगल की आबादी बसती है। उनको वहा भेजने का एक पक्ष यह भी है की जंगल में उनके खिलाफ कोई नहीं बोलेगा।
अतः महोदय से नम्र निवेदन है की उक्त मामले में जांच करते हुए चिकित्सा प्रभारी को निजी क्लिनिक से हटा कर सरकारी सेवा के निश्चित समय पर सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में बैठे और सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के सारे सुविधा के साथ दवा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराइ जाए।कार्यवाही की एक प्रति हमें भी उपलब्ध कराया जाए
भवदीय
ओंकार विश्वकर्मा
राज्य संयोजक
मानवाधिकार जन निगरानी समिति झारखण्ड
डोमचांच कोडरमा 825418
संपर्क 9934520602

खबर विस्तार से
कोडरमा:कोडरमा जिले के सुदूरवर्ती और उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र सतगावां मे चिकित्सा प्रभारी डाँ,चंद्रमोहन कुमार द्वारा अपने एक निजी अस्पताल गीता मेमोरियल हॉल खोल रखें है . उसी अस्पताल में सतगावां के ग्रामिण लोगों को इलाज करवाने को कहते हैं . क्लीनिक चलवाने के लिए छोटे छोटे ग्रामीण डाँ को परेशान करते हैं लाइसेंस खोजते हैं डीग्री खोजते है जबकि। गीता मेमोरियल मे भी लैब है । अल्ट्रासाउंड और एक्सरे मशीन अबैध रूप से रखें हुए हैं । जिसका एक भी,डिग्री धारी डाँ नहीं है ऐसे मे उनका दूसरे लोगों पर प्रभारी का राँब जमाना कहाँ तक उचित है। 100000 लाख से अधिक आबादी सतगावां कि है जिसमें सभी का ईलाज समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मे इलाज कराना संभव नहीं है ऐसे मे प्रभारी द्वारा अपने निजी अस्पताल में इलाज करवाकर मोटी रकम वसूल करते हैं । यहाँ के छोटे छोटे डाँ को परेशान किया जा रहा है । जो यहाँ के डाँ एवं दवा व्यवसाई दुकान बंद कर दिया है । जिससे सतगावां मे अपात स्तिथि उतपन्न हो गई है । यहाँ के मरीज भगवान के भरोसे है इससे आम जनता मे भारी रोष है यदि इस पर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और इस बीच कोई बीमार आदमी,बच्चे,महिला को मृत्यु हुई तो उसका सारा जबावदेही सिर्फ और सिर्फ प्रभारी चिकित्सक कि है और कोडरमा जिले की प्रशासन और इनको संगरक्षण दे रहे जनप्रतिनिधि कि होगी ।

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