सेवा में
श्रीमान अध्यक्ष महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली
विषय:- झारखण्ड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर के लांजी गाँव स्थित प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहे बच्चे द्वारा नाली के पानी पीने के सम्बन्ध में
महोदय
हम आपका ध्यान झारखण्ड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर के लांजी गाँव के प्राथमिक विद्यालय लांजी की ओर आकृष्ट कराना चाहूँगा जहा पर पढ़ रहे बच्चो के बीच शुद्ध पेयजल की गम्भीर समस्या है जिस कारन उस विद्यालय के बच्चे नाली का पानी पीते है। यह खबर दिनांक 1 दिसंबर 2017 को दैनिक अख़बार प्रभात खबर में प्रकाशित की गई जिसका लिंक https://www.prabhatkhabar.com/news/singhbhum-west/story/1091958.html संलग्न है।
अतः महोदय से नम्र निवेदन है की उक्त मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए न्यायिक कार्यवाही की जाए और उक्त विद्यालय में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करवाते हुए हर महीने सभी बच्चो का स्वास्थ्य जाँच कराना सुनिश्चित किया जाए। पुरे मामले में कार्यवाही की प्रति हमें उपलब्ध कराया जाए।
भवदीय
ओंकार विश्वकर्मा
मानवाधिकार कार्यकर्त्ता
डोमचांच कोडरमा झारखण्ड
संपर्क 9934520602
इमेल : onkar.670@gmail.com
खबर विस्तार से
लांजी गांव में वर्ष 1964 से संचालित हो रहा है स्कूल
चक्रधरपुर : पश्चिमी सिंहभूम के लांजी गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को नाले के पानी से बना मिड डे मील परोसा जाता है. बच्चे नाले के पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं. स्कूल से 150 फीट दूर बरसाती नाले से पानी लाकर एमडीएम तैयार किया जाता है. मध्याह्न भोजन खाने के बाद सभी छात्र वहां जाते हैं और नाले के पानी से थाली धोते हैं. उसी थाली में नाले का पानी लेकर प्यास बुझाते हैं.
नाले का पानी के कारण अक्सर बीमार पड़ते हैं बच्चे : सुंदर भूमिज, एतवार भूमिज, बधनाथ भूमिज, प्यारी हांसदा, सानिका टूटी, समसुती भूमिज, दुलुराज भूमिज, पांडुरामा भूमिज, सोमा मुंडा, रानी मुंडा, सुमी भूमिज, बिरसा मुंडा, चांदमुनी मुंडा, करीना डांगिल, गुरूवा भूमिज, गुरूवा मुंडा, हिसी पुरती, सोमा लोहार, राम हांसदा आदि बच्चों ने कहा कि पानी साफ दिखता है. हम बच्चे नाले के पानी को पीते हैं. पानी के सेवन से हम और हमारे दोस्तों को बराबर बीमारी का सामना करना पड़ता है. जिस कारण कई बच्चे स्कूल नहीं आ पाते है.
नाले में बर्तन-कपड़े साफ करते हैं लोग : विद्यार्थियों ने बताया कि हम जिस नाले में पानी पीते हैं, उसी नाले में जानवर भी आते हैं. इलाके के लोग बर्तन-कपड़े की सफाई करते हैं.
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