सेवा में
श्रीमान अध्यक्ष महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली
विषय:- झारखंड के हजारीबाग में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर झोला छाप डॉक्टरों द्वारा मरीज को निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर मोटी रकम वशूलने के साथ मरीज की जान लेने के संबंध में
महोदय
हम आपका ध्यान झारखंड के हजारीबाग जिले की ओर आकृष्ठ कराना चाहूंगा जहा पर गली मोहल्ले में पनपे झोला छाप डॉक्टरों द्वारा मरीज को निजी क्लिनिक में इलाज के लिये बहला फुसला कर लाया जाता है। जहाँ पर मरीज से मोटी रकम वसूल कर उनके जान से खिलवाड़ कर मरीज की जान ले ली जाती है। इतना ही नही मरीज के मौत के बाद अगर प्रशाशनिक कार्यवाही शुरू होता है तो जिले में झोला छाप डॉक्टरों के अवैध संगठन द्वारा इसका पुरजोर विरोध किया जाता है। यह हाल हजारीबाग जिला के मुख्य शहर का है जहाँ पर एक निजी क्लिनिक कलाली रोड स्थित जेपी मेमोरियल नर्सिंगहोम का है जहाँ पर एक महिला को प्रसव हेतु झोला छाप डाक्टर द्वारा बहला फुसला कर भेजा गया जहाँ इलाज के दौरान सुमित्रा देवी पति छोटेलाल राणा की मौत हो गई जिसके बाद उसे बेहतर इलाज हेतु रांची भेजा गया। यह खबर दैनिक जागरण में 13 फरवरी 2018 को प्रकाशित की गई जिसका लिंक https://m.jagran.com/jharkhand/hazaribagh-death-of-women-after-operation-17505021.html संलग्न है।
अतः महोदय से नम्र निवेदन है कि उक्त मामले को गम्भीरता से लेते हुए न्यायिक कार्यवाही की जाए और पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपया मुआवजा भुगतान कराया जाए साथ ही कार्यवाही की एक प्रति हमे भी उपलब्ध कराई जाए।
भवदीय
ओंकार विश्वकर्मा
मानवाधिकार कार्यकर्ता
शहीद चौक डोमचांच कोडरमा
झारखंड 825418
संपर्क 9934520602
खबर विस्तार से
हजारीबाग : सदर थाना क्षेत्र के कालीबाड़ी रोड स्थित जेपी मेमोरियल नर्सिगहोम में रविवार को बंध्याकरण के ऑपरेशन के बाद बरासी निवासी 25 वर्षीया सुमित्रा देवी पति छोटेलाल राणा की मौत हो गई। इसके बाद मृतका के परिजनों ने जमकर बवाल काटा। मृतका के परिजन दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इसकी सूचना मिलने के बाद सदर थाना प्रभारी अवधेश ¨सह सदल बल मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने का प्रयास किया। हाल यह था कि पुलिस जब यहां पहुंची तो नर्सिगहोम के अंदर मृतका का पति और दो अन्य मरीज व परिजन वहां बंद मिले। नर्सिंग होम संचालक इन्हें बंद कर फरार हो गया था। आधी रात से ये सभी नर्सिगहोम में बंद थे
घटना की खबर मिलते ही बरही विधायक मनोज यादव, उपमहापौर आनंद देव एवं भाजपा पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप यादव भी घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों से बात कर उन्हें शांत कराया। मामले को लेकर मृतका के परिजन ने सदर थाने में आवेदन दिया है। इसके आधार पर सदर थाना प्रभारी ने मामला दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ कर दिया। साथ ही लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। ज्ञात हो कि इस नर्सिगहोम में पूर्व में भी दो बार मरीज की मौत की घटना हो चुकी है।
मृतका सुमित्रा देवी के परिजनों के अनुसार रविवार को वे लोग बंध्याकरण के ऑपरेशन के कराने के लिए सदर अस्पताल जा रहे थे, इसी दौरान उनके क्षेत्र के ही झोला छापा डाक्टर दिवाकर मेहता की सलाह पर वे लोग जेपी मेमोरियल नर्सिंग होम पहुंचे। जहां उनके मरीज का शाम के चार बजे बंध्याकरण का ऑपरेशन किया गया। लेकिन ऑपरेशन के काफी देर बाद भी जब महिला को होश नहीं आया तो नर्सिंग होम के संचालक व डाक्टर प्रणय मधुर सिन्हा ने मृतका के परिजनों को बेहतर इलाज के लिए रांची ले जाने को कहा, जिसके बाद वे लोग मरीज को लेकर रांची के मेदांता अस्पताल पहुंचे। जहां डाक्टरों ने मरीज की जांच कराने के बाद बताया कि उसकी मौत तब से करीब चार पांच घंटे पूर्व हो गई थी। इसके बाद मृतका के परिजन लाश के साथ हजारीबाग लौटकर नर्सिंग होम पहुंचकर हंगामा करने लगे। मृतका को उसके परिजनों के साथ रांची भेजने के बाद नर्सिगहोम के संचालक व डॉक्टर प्रणय मधुर सिन्हा और अन्य कर्मी नर्सिगहोम में ताला लगाकर कहीं भाग गए। नर्सिगहोम में पूर्व से दाखिल दो मरीजों के अलावा एक कर्मी मोनिका कुमारी रह गई थी। मजे की बात यह कि मृतका के पति छोटेलाल राणा को भी नर्सिगहोम के भीतर ताले में बंद कर संचालक व अन्य भाग निकले
नर्सिगहोम किया गया सील :
महिला की मौत के बाद सदर एसडीएम के निर्देश पर कार्यपालक दंडाधिकारी कुमुद झा ने घटनास्थल पर पहुंचकर मृतका के परिजनों को तोड़ फोड़ करने से रोका। साथ ही नर्सिगहोम को सील कर दिया। सील करने के दौरान उप महापौर आनंद देव व भाजपा पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमरदीप यादव सहित कई लोग मौजूद थे। साथ में सदर थाना प्रभारी अवधेश कुमार ¨सह सदल-बल उपस्थित थे। नर्सिगहोम को सील करने से पहले वहां पहले से भर्ती दो मरीजों को सदर अस्पताल भेज दिया गया।
बड़ी संख्या में पुलिस बल की रही मौजूदगी :
मरीज सुमित्रा देवी की मौत के बाद हंगामे और तोड़फोड़ की आशंका के मद्देनजर नर्सिंग होम पर बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात किए गए थे। इसके कारण नर्सिंग होम पर किसी प्रकार की अनहोनी घटना नहीं हुई। वहीं नर्सिगहोम संघ के सदस्यों की मौजूदगी भी चर्चा का विषय रही । लोगों का कहना था कि किसी भी नर्सिगहोम में किसी घटना के होने के बाद संघ के लोग नर्सिगहोम के संचालक की मदद में आगे आ जाते हैं लेकिन उन्हें मरीज की पीड़ा समझ में नहीं आती है।
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