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Tuesday, 5 June 2018

झारखंड के गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड के चैनपुर पंचायत के मंगरगड्डी गांव में सावित्री देवी की भूख से मौत हो जाने के संबंध में

सेवा में
श्रीमान अध्यक्ष महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली

विषय:- झारखंड के गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड के चैनपुर पंचायत के मंगरगड्डी गांव में सावित्री देवी की भूख से मौत हो जाने के संबंध में

महोदय
हम आपका ध्यान झारखंड के गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड के चैनपुर पंचायत के मंगरगड्डी गांव की ओर आकृष्ठ कराना चाहूंगा जहा पर मसावित्री देवी नामक महिला की की भूख से मौत हो गई यह ख़बर दैनिक न्यूज पोर्टल इंडिया न्यूज लाइव में 5 जून 2018 को प्रकाशित की गई जिसका लिंकhttp://www.indianewslive.co.in/?p=18214 संलग्न है।
अतः महोदय से नम्र निवेदन है कि उक्त मामले में न्यायिक जांच करते हुए दोषियों पर कानूनी कार्यवाही करते हुए पीड़ित परिवार को मुआवजा भुगतान कराया जाए। कार्यवाही की एक प्रति हमे भी उपलब्ध कराया जाए।
भवदीय
ओंकार विश्वकर्मा
मानवाधिकार कार्यकर्ता
शहीद चौक डोमचांच कोडरमा झारखंड 825418

ख़बर विस्तार से

गिरिडीह : डुमरी प्रखण्ड के चैनपुर पंचायत अंतर्गत मंगरगड्डी में भूख से एक वृद्धा की मौत होने का मामला प्रकाश में आया है।खबर सुन विधायक,एमओ सहित जनप्रतिनिधियों ने पीडित की घर जाकर घटना की जानकारी ली एवं शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी।बताया जाता है कि मंगरगड्डी निवासी सावित्री देवी (५८) पति स्व.द्वारिका महतो की मौत भूख से हुई है।  परिजनों की मानें तो वृद्धा व उसके परिजन पिछले तीन दिनों से भूखे थे। तीन दिनों तक भूख से जंग लड़ते लड़ते अंततः वृद्धा ने शनिवार कीरात्रि अपना दम तोड़ दिया। हालांकि सहयोग के नाम पर मां काली स्वयं सहायता समूह के द्वारा बीते एक सप्ताह पूर्व सिर्फ तीन पैला चावल दिया  गया था ၊

जिसमें तीन छोटे बच्चों,दो बहुओं व एक वृद्धा का भोजन होना था ၊ हालांकि बच्चे गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र में एक पहर का भोजन कर दिनभर की भूख मिटाते थे। सहयोग के रूप में मिला चावल तीन दिन पूर्व समाप्त हो जाने के बाद परिवार भूखे थे। वृद्धा के दो बेटे महाराष्ट्र के भूसावल में ट्रांसमिशन लाइन में कार्य करता है जिसे बीते छह माह से मजदूरी भी नहीं मिली थी  ၊ जिस कारण दोनों न तो अपने घर आ पा रहे थे और न ही पैसा भेज पा रहे थे। कुछ दिनों तक तो सगे सम्बन्धियों व आसपास के लोग अपने अपने सामर्थ्य के अनुसार सहयोग किया लेकिन तीन बड़े व तीन बच्चों का गुजारा नहीं हो पा रहा था।                 गिरीडीह जिस राज्य में जनता भूख से मर रहे हों उस राज्य की सरकार को अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है इसलिए रघुवर दास को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।यह कहना है झाविमो केन्द्रीय उपाध्यक्ष सह गांडेय के पूर्व विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार का।कहा कि केन्द्र व राज्य की सत्ता में काबिज डपोरशंखी सरकार सिर्फ लोक लुभावन घोषणा करने में व्यस्त रहती है।सरकार का कोई भी काम धरातल पर दिखाई नहीं देती है।कहा कि सरकार तभी जागती है जब कोई भूख व प्यास से मर जाता है।कहा कि खूंटी में भी एक बच्ची भूख से दम तोड़ दिया था उसके बावजूद सरकार की नींद नहीं खुली थी।कहा कि सरकार की जितनी भी नीतियां व योजनाएं बनाई है वह सिर्फ हवा हवाई साबित हो रही है।एक भी योजना का लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा है।कहा कि रोजगार के तलाश में राज्य के लोगों का पलायन दूसरे प्रदेशों में होता है जहां कई तरह से शारिरीक एवं मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है।कहा कि जिस तरह प्रशासनिक अधिकारियों ने दवाब देकर मृतका की दाह संस्कार बिना पोस्टमार्टम कराए करवा दिया उससे कई प्रश्न खड़ा होता है।उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार को मुआवजा के तौर पर दस लाख रूपया व प्रधानमंत्री अवास तथा मृतका के दोनों पुत्रों को सरकारी नौकरी देने की मांग की।वहीं बताया कि झाविमो सरकार की विफलता एवं संवेदनहीनता के विरूद्ध सड़क से सदन तक आंदोलन किया जाएगा।वहीं जिलाध्यक्ष महेश राम ने कहा कि सरकार का ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा सिर्फ खोखला साबित हुआ है।कहा कि सरकार का ऐसा विकास जिससे किसी की मौत हो जाए वैसा विकास हम सभी को नहीं चाहिए।उन्होंने भूख से मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।                                                                वहीं सरकार की कोई योजना का लाभ भी इस जरूरतमंद परिवार को नसीब नहीं है। राशन कार्ड नहीं रहने के कारण जनवितरण प्रणाली की दुकान से खाद्यान्न भी नहीं मिल पा रहा था ၊ वहीं वृद्धा को पेंशन भी नहीं मिलता था। मुखिया रामप्रसाद महतो ने बताया कि परिवार के नाम राशन कार्ड बनने हेतु सारी कागजी प्रक्रिया पूरी कर एमओ कार्यालय में परिवार के सदस्य के माध्यम से बीते तीन माह पूर्व ही जमा करवा दिया गया था।इधर बीडीओ के निर्देश पर एमओ शीतल कांशी गांव पहुंच मामले की जानकारी ली।विधायक जगरनाथ महतो ने भूख से मौत पर अपनी संवेदना प्रकट करते हुए इसे सरकार की नीतियों की विफलता व प्रशासन की संवेदनहीनता बताया। कहा कि सरकार के अच्छे दिन व सबका साथ सबका विकास की सोंच का परिणाम ऐसा है तो नहीं, हमसभी को ऐसे दिन व विकास नहीं चाहिए।                                                  स्थानीय प्रशासन ने क्या किया                        मौत के दूसरे दिन सोमवार को उप समाहर्ता अशोक कुमार सहित अनुमंडल का पूरा प्रशासनिक अमला मृतका के घर पहुंच पीड़ित परिवार से मिल घटना की पूरी जानकारी ली साथ ही घर के विभिन्न क्षेत्रों का मुआयना कर घर की आर्थिक स्थिति व उपलब्ध संसाधन से अवगत हुए।वहीं मृतका के रिश्तेदार (देवर) भोलाराम महतो से भी घटना की जानकारी लेते हुए उनके द्वारा पीड़ित परिवार को किया जाने वाला सहयोग से अवगत हुए बताया कि वह अपने सामर्थ्य के अनुसार सहयोग तो करते थे लेकिन बीते तीन दिनों से परिवार का कोई सदस्य किसी तरह की सहयोग की मांग नहीं की थी।इधर इस संबंध में एसी ने कहा कि अखबार पढ़कर घटना की सच्चाई जानने आए हैं।कहा कि मैं सरकार का नुमाइंदा हूं जो भी रिपोर्ट है उसे सरकार को सौपेंगे।आपलोगों को जो भी जानकारी लेना है उपायुक्त महोदय से ले लीजिएगा।इस दौरान एसडीएम ज्ञान प्रकाश मिंज बीडीओ राहुल देव पणन पदाधिकारी (एमओ) शीतल काशी मुखिया रामप्रसाद महतो पंसस मुकेश सिन्हा आदि उपस्थित थे।

भाकपा माले  9 जून को करेगा प्रदर्शन

 भूख से सावित्री की मौत की खबर पर भाकपा माले की एक टीम माले के केंद्रीय कमिटी के सदस्य सह बगोदर के पूर्व विधायक विनोद कुमार सिंह के नेतृत्व में सोमवार को मृतका के परिजनों से मिलने गांव पहुंचा।टीम ने परिजनों के साथ-साथ पूरे ग्रामीणों से जानकारी ली।ग्रामीणों और परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार मृतका मनरेगा मज़दूर थी और उन्हें तीन साल में मात्र 12 दिन ही काम मिले थे।और तो और उसका वृद्धा पेंशन भी 2014 स्वीकृत हुआ था पर उसे पेंशन भी अप्रैल 2018 में मिला है पर सावित्री को यह पता भी नही था कि उसके खाते में पेंशन के पैसे भी  आये हैं।यदि पता होता तो शायद भूख से उसकी मौत नही होती।उसके पेंशन का पैसा आया है यह भी पता तब चल पाया जब उसकी भूख से मौत की खबर अखबारों में आने के बाद पहुंचे अधिकारियों ने सावित्री के पासबुक को अपडेट कराया।मृतका के दो बेटे हैं जो ट्रांसमिशन लाइन के मज़दूर हैं पर उन्हें चार माह से वेतन नही मिला था। ग्रामीणों व परिजनों से बात करने के बाद पूर्व विधायक ने कहा कि सिमडेगा,गढ़वा,धनबाद,देवघर और गिरिडीह के तीसरी के बाद अब डुमरी में भूख से मौत हुई है।उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब राशन की कालाबाज़ारी की बात हो मनरेगा में भ्रष्टाचार करने का मामला हो तब तकनीकी बाधा नही आती है।पर गरीबो को यदि राशन,पेंशन देना हो तब डिजिटल इंडिया के नाम पर तकनीकी बाधा हो जाती है।उन्होंने कहा वे पांच जून को इस सवाल पर उपायुक्त से मिलेंगे और भाकपा माले 9 जून को लगातार हो रही भूख से मौत के सवाल पर पूरे जिले के सभी प्रखंडों पर प्रदर्शन करेगी।टीम में इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य संदीप जायसवाल जिप सदस्य गजेंद्र महतो,पूनम महतो,मनवर हसन,राजेश यादव,राजेश सिन्हा,पूरन कुमार महतो डुमरी अंचल सचिव नागेश्वर महतो,कुमोद यादव,रामचंद्र यादव,हिरामन महतो आदि शामिल थे ၊

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