सेवा में
श्रीमान अध्यक्ष महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली
विषय :- झारखण्ड के रांची हटिया रेलवे डाक्टर की लापरवाही से एक नवजात की मौत होने के सम्बन्ध में
महोदय
हम आपका ध्यान झारखण्ड के रांची जिला हटिया रेलवे स्टेशन की और आकृष्ट कराना चाहूँगा जहा पर एक महिला इन्द्रमणि को प्रसव पीड़ा हुआ जिसकी सुचना रेलवे डाक्टर को तुरंत दिया गया परन्तु डाक्टर समय पर नहीं पहुचे जिससे उसके नवजात बच्चे की मौत हो गई! जिसके बाद उसे स्वास्थ्य सुविधा के लिए सदर अस्पताल रांची भेजा गया वहा भी डाक्टरो ने उसके साथ अमानवीय वर्ताव किया! यह खबर देनिक अख़बार भास्कर में दिनांक 14 फरवरी 2019 को प्रकाशित की गई जिसका लिंक https://www.bhaskar.com/jharkhand/ranchi/news/ranchi-jharkhand-news-delivery-of-woman-in-moving-train-6022786.html संलग्न है! अतः महोदय से नम्र निवेदन है की उक्त मामले को संज्ञान में ले कर कार्यवाही करते हुए पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा भुगतान करते हुए दोषियों पर कार्यवाही करने की कृपा करे! रेल प्रशासन की लापरवाही व संवेदहीनता की वजह से एक प्रसूता की ट्रेन में प्रसव के दौरान नवजात की मौत हो गई। यह घटना बुधवार सुबह हटिया स्टेशन पर घटी। इंद्रमणि को स्लीपर क्लास की एस-8 बोगी में प्रसव पीड़ा उठी और बच्चे को जन्म दिया। इंद्रमणि के पति तेतरू के अनुसार- रेलवे को इसकी जानकारी दी गई। जवाब मिला- रांची स्टेशन पर डॉक्टर आएंगे और देख लेंगे। ट्रेन हटिया से रांची के लिए खुली। रास्ते में बच्चे की मौत हो गई। जब ट्रेन रांची स्टेशन पहुंची तो रेल डॉक्टर संजीव कुमार आए और इंद्रमणि की जांच करने के बाद उन्हें एंबुलेंस से सदर अस्पताल भेज दिया। एंबुलेंस पर ना तो नर्स थीं और ना ही कोई और। पति और ननद को उसमें बैठाकर अस्पताल भेज दिया। एंबुलेंस ड्राइवर सदर अस्पताल गेट पर पीड़िता को छोड़ भागा। दो घंटे तक पीड़िता अस्पताल परिसर में झोले में अपने बेटे के शव को लिए बैठी रही। जब मामला तूल पकड़ा तब दिन के 12 बजे रेल अस्पताल रांची से ड्रेसर श्याम देव को भेजा गया। उसके बाद उसने पीड़िता को सदर अस्पताल के लेबर वार्ड में भर्ती कराया। पूछने पर ड्रेसर श्याम देव ने कहा- रेल डॉक्टर संजीव ने भेजा है और कहा है कि देखकर आओ कि महिला को एडमिट किया गया है या नहीं। पूरी घटना सुबह 10 से 12 बजे के बीच की है। दो घंटे तक खोजे नहीं मिल रही थी प्रसूता जब घटना की जानकारी सदर अस्पताल की डॉक्टर किरण को हुई तो वे मीडिया के साथ लेबर वार्ड सहित सभी वार्ड में प्रसूता को खोजने गईं। करीब डेढ़ घंटे तक अस्पताल में खोजा गया, पर वह रिसेप्शन के पास कोने में कुर्सी पर बैठी मिली। साथ में दो झोले थे। जब पूछा गया कि बच्चा कहां है तो बोली- झोले में। महिला करीब दो घंटे तक झोले में नवजात को लेकर बैठी रही। तब तक भीड़ लग गई। डॉ किरण ने बताया कि बच्चे की मौत हो गई है। महिला की स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन स्थिर है। उसकी कई जांच कराई जाएगी। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। तमिलनाडु से पति और ननद के साथ गांव जाने को आ रही थी रांची इंद्रमणि देवी अपने पति तेतरू खरवार और ननद के साथ तमिलनाडु से रांची आ रही थी। तेतरू नारियल की फैक्ट्री में काम करता है। उसने बताया कि वह मदद मांगने स्टेशन गया था। हालांकि उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि करे तो क्या करे। उसकी स्थिति ऐसी थी कि मुंह से बोली नहीं निकल रही थी। रेलवे ने कहा: एटेंड किया था महिला को हटिया स्टेशन और रांची रेलवे स्टेशन पर रेल डाॅक्टर ने पीड़िता को अटेंड किया है। हमारे पास फिलहाल यही जानकारी है। और जानकारी ली जा रही है, इसके बाद ही आपको बता सकते हैं कि आखिर क्या हुआ। - नीरज कुमार, सीपीआरओ, रांची।
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