सेवा में
श्रीमान अध्यक्ष
महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार
आयोग नई दिल्ली
विषय : झारखण्ड के
हजारीबाग जिले के एक नमकीन फेक्ट्री में तीन बाल मजदुर के झुलस जाने के सम्बन्ध
में
महोदय
हम आपका ध्यान
झारखण्ड के हजारीबाग जिले के एक नमकीन फेक्ट्री की और आकृष्ट कराना चाहेंगे जहा पर
बच्चो से काम लिया जाता था उक्त बच्चे नाकें बनाते वक्त गर्म तेल से झुलस गये
जिससे सम्बंधित खबर 2 अक्टूबर 2022 को दैनिक अख़बार दैनिक भास्कर में प्रकाशित की
गई जिसका लिंक https://www.bhaskar.com/local/jharkhand/hazaribagh/news/all-three-are-making-roti-on-the-stove-in-the-salty-factorythe-pan-slipped-from-the-hands-of-another-laborer-130387515.html?_branch_match_id=1063714740742480998&utm_campaign=130387515&utm_medium=sharing&_branch_referrer=H4sIAAAAAAAAA8soKSkottLXT0nMzMvM1k3Sy8zTNzU38jYrLLDwKUkCAOKtXD4fAAAA संलग्न
है|
अतः महोदय से नम्र
निवेदन है कि उक्त मामले को संज्ञान में लेते हुए न्यायोचित कार्यवाही करने की
कृपा करे|
भवदीय
ओंकार विश्वकर्मा
राष्ट्रीय संयोजक
मानवाधिकार जन
निगरानी समिति
खबर विस्तार से
हजारीबाग में नमकीन और लड्डू बनाने की एक फैक्ट्री
में तीन बच्चे बुरी तरह झुलस गए। काम के दौरान तीनों पर कड़ाही का खौलता तेल गिर
गया। घटना के तुरंत बाद बच्चों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उन्हें
रिम्स रांची के लिए रेफर कर दिया गया। घटना जिले के कुम्हार टोली की है।
एक बच्चे ने बताया कि बुधवार को करीब 10:30 बजे रात मिठाई बन चुकी थी। तीनों
बगल वाले चूल्हे पर रोटी बना रहे थे। कड़ाही कोई और उतार रहा था, इस दौरान कड़ाही उसके हाथ से फिसल
गई और उसका तेल तीनों बच्चों पर जा गिरा। इससे तीनों जल गए। उन्हें सदर अस्पताल ले
जाया गया। फर्स्ट एड के बाद उन्हें रिम्स रेफर कर दिया गया।
आर्थिक
स्थिति ठीक नहीं होने से काम कर रहे थे बच्चे
इन तीनों
बच्चों में 14 वर्षीय पिंटू कुमार, 12 वर्षीय रंजन कुमार और 15 वर्षीय नीतेश कुमार मांझी शामिल
हैं। रंजन ने पांचवीं क्लास तक पढ़ाई की है। बाकी दोनों दसवीं तक पढ़े हैं। रंजन
और नीतीश जमुई के हैं। वहीं पिंटू जमशेदपुर का है। रंजन ने बताया कि उसके पिता
नहीं है। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से वह फैक्ट्री में काम करता है।
ठेकेदार भी बिहार के जमुई का है। वह लड्डू और नमकीन
बनाकर शहर में सप्लाई करता है। वह हजारीबाग में पिछले 3 वर्षों से मिठाई का कारोबार कर रहा
है। उसकी ठेकेदार की धमक के कारण हॉस्पिटल के इंट्री रजिस्टर में पुलिस केस तक
नहीं लिखा गया। यहां तक कि बाल मित्र थाना तक को भी भनक नहीं लगी।
मामला जब बढ़ गया, तो हजारीबाग के
पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे ने घटना पर संज्ञान लेते हुए कहा, पुलिस पूरे
मामले की जांच कर रही है। बाल मजदूरी प्रतिबंधित होने के बावजूद फैक्ट्री में बाल
मजदूर काम कैसे कर रहे थे? इसकी जांच की जाएगी। तीनों बच्चों को इलाज के लिए रांची स्थित
रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत
स्थिर है।
बिहार-झारखंड के कई मजदूर करते हैं
फैक्ट्री में काम
त्योहार के दौरान फैक्ट्री में काम बढ़ गया था।
बिहार और झारखंड के अलग-अलग इलाकों से कई मजदूर इस फैक्ट्री में काम करते हैं।
हजारीबाग कुम्हार टोली स्थित आश्रम नगर में ठेकेदार एक किराए के मकान में रहकर
मिठाई बनाने का काम करता था। उसमें करीब 15 से 20 लोग रहते थे। घटना के बाद से उस घर
में कोई नहीं है। रंजन ने बताया कि इसी घर में बिहार के 5 बाल मजदूरों को
रखे हुए था।
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